क्या प्यार में विफल होने पर साथी को ३०६ के अंदर दोषी पाया जा सकता है।
क्या प्रेमी या प्रेमिका ने अपने प्यार के विफल होने के कारण सुसाइड कर लिया तो उसके साथी को इस आधार धारा ३०६ आईपीसी के अंतर्गत सजा हो सकती है तो दोस्तो आज का ये टॉपिक काफी ज्यादा इंटरेस्टिंग होने वाला है तो पोस्ट को पूरा पढ़े तो दोस्तो आज की भी ये जानकारी देने के लिए में आपको छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का एक फैसला सुनाता हु तो दोस्तो छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अभी हाल ही पूजा चोपड़ा vs State of Chhattisgarh इस केस में इस बात अपना फैसला सुनाया तो जानते है की इस केस के क्या फैक्ट्स थे तो दोस्तो इस केस में जो लड़का था उसने सुसाइड कर लिया था और एक चिठ्ठी छोड़ दी दी थी जिसमे ये जिक्र था की को लड़की थी उसने उनके ५जेड ६ सालो के रिलेशनशिप को छोड़कर किसी दूसरे लड़के से रिलेशनशिप कर ली थी और उसके मां बाप के द्वारा उसको मरने की धमकी दी जा रही थी
तो इस आधार पर उस लड़की के ऊपर ३०६ ipc के तहत मुकदमा दर्ज किया गया तो इस मुकदमे को खारिज करने के लिए ये लोग पहुंच गए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सामने तो इस केस में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ये पाया की इनके ऊपर सिर्फ उस लड़के के द्वारा मरने से पहले लिखी गई चिट्ठी के आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है और उस चिट्ठी को अगर ध्यान से पड़ा जाए तो उसमे सिर्फ ये ऑलिगेशन लगाया गया है की उस लड़की ने उस लड़के से रिलेशनशिप को खत्म कर नए लड़के के साथ रिलेशन बनाए है और बाकी अपराधियो द्वारा उसे धमकाया जा रहा है तो इसमें माननीय न्यायालय धारा ३०६ को समझते हुए ये बताया की धारा ३०६ के अनुसार कोई अगर किसी व्यक्ति को इतना ज्यादा इंस्टीगेट कर देता है या फिर उसको इस हद तक परेशान कर देता है की उसको इस वजह से अपनी जान देना पड़ जाए लेकिन इस केस में मरने वाले लड़के की चिट्ठी से ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता तो इसके लिए उस लड़की पर उस चिट्ठी के आधार पर मुकदमा चलाना गलत होगा तो ये फाइंडिंग निकलते हुए हाई कोर्ट ने उस लड़की के ऊपर डार्क हुए ३०६ के मामले को रद्द कर उसकी क्वाशिंग की एप्लीकेशन को मान्य कर दिया