Ni act interiam compensation can be only granted when accused plead not guilty
pawan bhasin vs state of up
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में इंटेरियम कंपनसेशन तभी दिया जा सकता है जब आरोपी ने गुनाह कबूल करने से इंकार किया हो
जानिए क्या है पूरा मामला तो दोस्तो अभी हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने (pawan bhasin vs state of up) इस केस में अपना फैसला सुनाते हुए ये कहा कि धारा 143a नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में इंटेरियम कंपनसेशन का प्रावधान दिया हुआ है और धारा 143a को पड़ने पर यह समझ में आता है की जब आरोपी कोर्ट के सामने आता है और उसके गुनाह न कबूलने पर ही चेक अमाउंट का 20% तक इंटरियम कंपनसेशन दिया जा सकता है और इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी के कोर्ट में अपीयर होने के पहले ही इंटेरियम कंपनसेशन को ग्रांट कर दिया था तो सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में मजिस्ट्रेट के आदेश को धारा 143a का उल्लंघन मानकर मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज कर दिया ।